क्या भारत का यही नसीब की vote दे पर बदले मे कोई समय पर सर्विस ना पाए?
क्या यही नसीब की समय पर न्याय ना मिले और न्याय नहीं मिलता समय पर यही जानकर चुप बैठ अन्याय सहन करे?
न्याय से वँचित इंसान जानकारी के अभाव मे न्याय के लिए भटकता रहे क्यूंकि कोई भी स्कूल केवल बुक पढ़ाता ना की उसके अधिकार की शिक्षा देता नाही ज्ञान देता की कैसे अन्याय से जीते फिर क्या यही भारत की शिक्षा है?
क्या शिक्षा का मोल जब हमारे क़ानूनी अधिकार ना बताये स्कूल मे ही और फिर phd कर भी लोग सरकारी चपड़ासी बनने के लिए अपील करते क्या शिक्षा का स्तर है?
कई सवाल है पर जवाब देने वाला सिस्टम अभी तक नहीं जो राहत दे समस्या मे पड़े इंसान को...
क्या यही नसीब की समय पर न्याय ना मिले और न्याय नहीं मिलता समय पर यही जानकर चुप बैठ अन्याय सहन करे?
न्याय से वँचित इंसान जानकारी के अभाव मे न्याय के लिए भटकता रहे क्यूंकि कोई भी स्कूल केवल बुक पढ़ाता ना की उसके अधिकार की शिक्षा देता नाही ज्ञान देता की कैसे अन्याय से जीते फिर क्या यही भारत की शिक्षा है?
क्या शिक्षा का मोल जब हमारे क़ानूनी अधिकार ना बताये स्कूल मे ही और फिर phd कर भी लोग सरकारी चपड़ासी बनने के लिए अपील करते क्या शिक्षा का स्तर है?
कई सवाल है पर जवाब देने वाला सिस्टम अभी तक नहीं जो राहत दे समस्या मे पड़े इंसान को...
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