Chandigarh 
न्याय जो सबका है सबका अधिकार है लेकिन यही अधिकार जब पता चले वकीलों की सहायता से मिलता है तो साथ मे ये भी पता चले की वकील -फ्री लीगल ऐड से जो मिलते काम नहीं करते और सरकार भी कोई इन पर एक्शन नहीं लेती क्यूंकि यही सड़ी अर्थव्यवस्था हैँ हमारी तो क्या कहेंगे आप -
ऐसा ही देखने को मिला चंडीगढ़ मे कुछ हमे जंहा कई सालों की जदो जहद के बाद भी वकील नहीं मिला काफी संघर्ष के बाद जो वकील मिला वो काम नहीं करते मतलब आपकी सारी मेहनत गयी पानी मे और फिर सुनने को मिले यही अपना भारत देश हैँ ऐसा ही सिस्टम हैँ फिर कंहा गया अपना गौरव क्या भूतकाल के गौरव पर कब तक कुंए के मेंढ़क बन हमें भारत का गौरव सुनाया जाएगा जब आज की व्यवस्था इतनी खराब की असहाय और असहाय होता जा रहा हैँ फिर क्या अपना देश और देश की सेवा जंहा वोट देना तो हमारा कर्तव्य हैँ लेकिन जो वोट लेते उनका कोई कर्तव्य ना होकर बस देश को खोखला बनते देखना और बनाना हैँ क्या होगा अपना और देश का? 

अमीर को न्याय तत्काल मिलता, नकली के सबूत बना लिए जाते, पुलिस की सेवा और इन्वेस्टीगेशन सब खरीदा जाता लेकिन फिर भी ऐसे पुलिस प्रशाशन पर कोई सख्त कार्येवहि नहीं होती तभी दूसरे भी अपना रंग बदलते हैँ और बिगड़ते हैँ क्यूंकि प्रशासन नाम का हैँ और काम और राज गुंडों का फिर यही हैँ चंडीगढ़ प्रशासन? 
पिछले सप्ताह पी. जी पर रेड़ पर जब बच्चे मर गए, भून गए कई लोग pil इसलिए डालते ताकि व्यवस्था मे सुधार हो p. I. L ख़ारिज होती क्यूंकि प्रशासन सोया हैँ इन गंभीर मुद्दो को लेकर... 

जब रोती महिला पुलिस स्टेशन जाती f. I. R और रिपोर्ट हेतु वंहा न्याय की गुंजाइस ना मिलकर वंहा मोलेस्टेशन मिले तो कहे ऐसी दुःव्यवस्था को देखकर क्या यही चंडीगढ़ ब्यूटीफुल हैँ क्या यही? 

जब वंहा पुलिस पैसे और गलत डिमांड करे तब भी ऐसे ऑफिसर ससपेंड, निष्काषित नहीं होते तो क्या फायदा न्याय व्यवस्था का?