भारत की पुलिस क्या कभी सुधरेगी या नहीं? |
जंहा पुलिस खुद लड़की से पूछती आपका सेक्सुअल हरेशमेंट हुआ या नहीं क्या सब बात पूछकर समझकर क्या उनको इतनी ज्ञान नहीं होता की मामला सिर्फ सेक्सुअल हरेशमेंट का है ऐसे कई केस होते लेकिन मामला पर एक्शन न लेने की मंसा से केस रजिस्टर्ड डी. डी. आर. तक नहीं करते और मामले को टालने की कोशिश करती क्या ये सैलरी लेने ही थाने जाते इनकी ड्यूटी जनता निभाए |
क्या सरकार की कोई रेस्पॉन्सिबिल्टी नहीं इन पर सख्त निगरानी रखे और ऐसो पर सख्त कारवाही हो लापरवाही और इनके पैसे खाने के काम पर सख्त कार्येवहि के साथ मीडिया में ये केस उजागर हो ताकि सरकार की भी सही गुड-विल बने जो वह वोट लेने आते है उस समय उन्हें उनके सही काम के बल पर घर बैठे वोट मिले क्यूंकि उनकी गुड-विल बनाई है |
पुलिस को कोई लड़की समय पर नहीं बुला पाती क्यूंकि इन पर गलत काम करने पर एक्शन तक नहीं होता जल्दी क्या ये गलत नहीं है सुरक्षा देने वाले सुरक्षा जब चोरी करे?
क्या लॉ इसलिए बना की जनता परेशान हो क्यूंकि जो लुटेरे है वे पैसे के बल पर लॉ से खेलते, वकीलों की सहायता से जीतते लेकिन आम जनता को क्या पता होता वो लुटे जाएंगे और जब लुटे जाते तो वकील भी समय पर नहीं मिल पाता |