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DEVI-MANDIR TEMPLE PANIPAT |
किसी की भी हम कद्र क्यों करे
आज कल जंहा हम सोचते की जो माली आदि होते वो पैसे के भूखे ही होते लेकिन देखे जाये तो हम भी कौन -सा उनकी सैलरी ,उनके किये काम का क्रेडिट देते है जोकि अक्सर बड़ी जगह का हम बखान कर सबको बताते लेकिन यदि कोई माली हमारी मदद करे हम किसी को नहीं बताते कुछ ऐसा मैंने भी किया जैसे की उनसे कुछ काम फ्री में करवाया जोकि मेरी पूजा से सम्बंधित था |
मैंने कुछ पेड़ मंदिर में उगाने थे तो मैंने एक माली जोकि वंहा का प्रमुख था माली तो उसने कुछ पेड़ खरीद कर लाये जोकि कम प्राइस में मेरे लिए ले आये जिससे मैं काफी खुश थी उस दिन ,लेकिन पेड़ उगाने के बाद उन्होंने पेड़ कुछ पेड़ गिफ्ट भी किये मुझे जोकी मुझे काफी अच्छे लगे लेकिन उनकी पेड़ खरीदने के तो पैसे मैंने दे दिए लेकिन पेड़ उगाने के मैंने 30 रुपया देने चाहे जोकि उन्हें कम लगे ,देख जाए तो मैं भी 50-100 रुपया मैं भी दे सकती थी लेकिन मैं भी स्टूडेंट थी उस समय तो मेरे पास देने के लिए ज्यादा पैसे भी नहीं थे |
पर एक बात है उन्होंने सब माली ने बुरा ना मानते हुए खुद ही मुझे पैसे ना देने को कहा जरूरी नहीं की गरीब भूखा नियत का हो और अमीर दिल-दार हो ,निर्भर करता है बंदे पर नाकि गरीबी-अमीर पर |
ज्यादा तर केस में अमीर तो बिगड़ जाते है और गरीब मेहनत से जज ,कमिश्नर बन जाते है इसलिए बंदे की नियत,स्वभाव की कद्र करे कोई गरीब है पर दिल से गरीब हो जरूरी नहीं। .. इसलिए अमीर की कद्र हम डर में और गर्ज में भी करते है पर गरीब को भी दुत्कारिये नहीं क्यूंकि आज गरीब है पर काम गरीब ही आया नाकि कोई भी अमीर |
जरूरी नहीं सब गरीब अच्छे हो कंही कमीने ,पैसे के भूखे होते है कुछ ज्यादा ही स्वाभिमानी की बाते करते हुए कूट-नीती करते फिरते है और फायदा निकलते है सबका बिगाड़कर |
लेकिन सभी एक जैसे हो चाहे अमीर -गरीब कोई भी हो जरूरी नहीं ,मायने उसका स्वभाव करता है नाकि तत्कालीन स्टेटस |
इसलिए किसी के स्टेटस से नहीं उसकी नियत,स्वभाव से भी प्यार करे कंही कल वही आपके लिए कोई गॉड-गिफ्ट बन जाए |
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