एक समय की बात है एक लड़का बहुत गरीब था जिसके पास आमदनी के लिए सिर्फ गाय का दूध बेचना ही था लेकिन अब गाय वो दूध भी नहीं देती जिस कारण वो बड़ा दुखी होकर जंगल से गुजर रहा था गाय बेचने जोकि काफी कमजोर थी लेकिन कोई खरीदने को तैयार ना था जिस कारण आज उसके पास खाने तक को कुछ भी नहीं था

अचानक उसे एक पगड़ी पहने काफी मजाकिया अंदाज का आदमी मिला 
जिसने दुखी होने का कारण खुसफुसाती आवाज़ जोकि काफी मंद सुरीली थी लेकिन अचानक से सुनाई देने के कारण वो दूधवाला हक्का -बक्का रह गया आवाज़ सुनकर  | 
फिर उसने आकर कहा भाई दूधवाले मैं  सब जानता हु तुम कई दिन से भूखे हो और तुम्हारा पूरा परिवार भी क्या तुम्हे कोई परेशानी ना हो तो ये गाय तुम मुझे बेच दो ,बदले में चिराग ,बेडशीट और ये घंटा ले लो | 



पहले तो ग्वाला चीड़ गया की ये मुझे क्यों लूटने पर तुला है इतना मुझे दुखी देखकर भी क्या इसे मैं ही मिला लूटने को एक गरीब ग्वाला |
बाद में सांतवना देते हुए पगड़ी वाला मजाकिया हंसी के साथ बोलै देखो तुम्हारी गाय ना दूध  देती ना ही ये कभी बिकेगी  जोकि तुम्हे भी मालूमात हो ही गया है 


यदि तुम आज ही ये मुझे बेच देते हो तो तुम इस चिराग को जो काम बोलोगे ये वो करेगा ये बेडशीट तुम्हे रोज धोकर प्रयोग करोगे सफाई के बाद तो तुम्हे सप्त अनाज से  बना स्वादिष्ट भोजन बना हुआ मिलेगा 
ये घंटी से तुम कोई भी चौकीदार कभी भी कंही भी बुला सकते हो तुम्हारी सुरक्षा हेतु | 


कोई और चारा ना देख दूध वाला गाय बेचकर चलने लगता है तो उसे उस मजाकिया आदमी की बाते याद आती है कि  बिना सफाई के कुछ भी दिया हुआ उसका प्रयोग नहीं करना और बंद कमरे में ही  कर प्रयोग करना पहले वो सोच कर सहमता है लेकिन कोई और विकल्प ना देख अपनी पत्नी को सब बता कर प्रयोग करने को कहता है जैसे ही  प्रयोग करता उन सब चीजों को नौकर-चाकर आ जाते व घर  आलीशान महल बन जाता अंदर से,जिसका दुसरो को भेद ना ता की घर में क्या चल रा है इस सबको को देख उसका जलवे से मचा हुआ पड़ोसी काफी दुखी होता की आजकल ये काफी खुश क्यों है ??

वह पड़ोसी एक दिन उनके घर में छुपकर सारा हाल जान लेता है और सब चोरी कर जैसे ही गाँव से बाहर निकल प्रयोग करता अपने घर में  सफाई आदि कर,  उसको  बेडशीट भोजन ना दे बल्कि अंगारे फेंकती ,घंटी से निकले चौकीदार आंतकवादी बन उसे पीट ते और चिराग भी कम भूमिका में नहीं था वह  सबको उसके चोरी की खबर अपनी वाणी से डरावनी आवाज़ में बताता जिसको सुनकर आस -पास शोर सुनकर जनता को उसके बुरे कर्मो का पता चला और वह उसको निकालने के लिए पुलिस आदि बुलाई गयी परेशान हारा हुआ पड़ोसी उस ग्वाले को उसका सामान देने गया और अपने कर्मो का ब्योरा दिया की कैसे बुद्दू बना मैंने तुमको रात को लुटा और पूछा की क्यों इस घंटी ,बेडशीट ,चिराग ने मुझे दुःख दिया | 

यह सब सुन बच्चा घर से उसी पगड़ी वाले की तरह आया  और मजाकिया हंसी से सांस लेता जैसे की वही जंगली माहौल में मिला वो ही पगड़ी वाला हो उसके शब्द पड़ोसी को काफी गहराई से लगे की जिसके कर्मो की जैसी रेखा उसको वैसे ही सुख मिलता है नाकि चोरी किसी की तकदीर धो सकती है 



इसलिए कभी भी अपने साथ और दुसरो के साथ बुरा ना करे क्यूंकि अपने कर्मो को खुद भोगना होना है नाकि चोरी कोई सफलता यंत्र है जोकि शार्ट-कट से आपको मनचाहा सुख देगी