SEARCH ON GOOGLE

स्वदेसी बने और खुद और समाज को सबल बनाने की छोटी-सी पहल 

CREATE A SIMPLE STEP NEW INDIA
 स्वदेसी बने और खुद और समाज को सबल बनाने की छोटी-सी पहल 


उद्योगपति द्वारा निर्मित पानी की 1 लीटर की बोतल ₹20 और किसान द्वारा उगाया गया गेहूँ ₹18.40 प्रति किलो इसी कारण आज किसान कर्जदार है

कई लोग दिखावे के चक्कर में महंगी वस्तुएँ ,महंगी सामान प्रयोग करते है अपने इंडियन सामान छोड़कर ,घर में निर्मित टिकाऊ सामान छोड़कर महंगे जगह ,ब्रांड से सर्विस लेते जबकि उन्हें कोई कंजूमर की कद्र भी नहीं होती
वे सिर्फ अपने फायदा सोचकर अंधाधुंध मुल्य रखते ,सामान बेचते इस तरह के काम करते जिसमे कंजूमर की भलाई नहीं सिर्फ कंपनी खुद का फायदा देखती है

जबकि एक छोटा दुकानदार ,व्यापारी अपने सामान का सही मुल्य,समय पर सही सर्विस आदि देता वो भी अहसान मानकर जबकि बड़ी व्यापारी गुडविल को ध्यान रख कर चाहे तो कभी सही व्यवहार करदे लेकिन उन्हें कंजूमर कि समस्या आदि से कोई मतलब नहीं होता

एक छोटा किसान कम रेट में सही क्वालिटी का सामान बड़ा खुश होकर बेचता है और कंजूमर का अहसान मानकर उसको देवता की तरह पूजता जबकि बड़े किसान पैसे वाले को आदर देते है उन्हें कौन सर्विस लेगा या नहीं कोई मतलब नहीं होता क्यूंकि वे ग्राहक से पैसे कमाने की मशीन के रूप में ही आदर देते है

एक छोटा दुधवाला सही मुल्य पर सही सामान देता है और कभी -कभी जरूरत के समय फालतू में थोड़ा दूध फालतू भी दे देता कभी बच्चे के दूध के नाम पर ,कभी कोई मरीज आदि के लिए
जबकि बड़ा दुकानदार ,दूधवाला उसी चीज को काफी मूल्य के साथ देता काफी नाप-तौल कर वो भी मिलावट के साथ

हम नुक्क्ड़ में चाय पीने जाते तो काफी मोल-भाव करते लेकिन रेस्ट्राउटेंट में वही चाय महंगी पीकर काफी टिप भी देते है पैसे की ,जबकि जरूरत टिप की उस गरीब को जरूरत थी जोकि हमारी मन-पसंद की चाय बनाने के लिए काफी मेहनत करता और हमारी कई बाते सुनता जैसे -भैया मसाला कम डालना।,इतना नहीं ज्यादा मीठा डालना और भी काफी कुछ उसे सुनाते तब जाकर उसकी चाय पीते फिर भी पैसे उसे देते हुए रोते जबकि वो दिन -रात मेहनत करके कुछ पैसे अपने लिए और अपने परिवार के लिए कमाता क्या उसका हक नहीं वो भी आपकी कुछ प्रसंशा ले और अपना मेहताना हक से ले और आप उसकी सर्विस ले ताकि वो भी आज कुछ कमाए ,खुश होकर अपना मेहताना अपने परिवार और खुद के लिए कमाए

तो आज से ही उन नुक्कड़ वाले दही भल्ले ,गोल-गप्प्पे वाले ,दुकानदार से भी सर्विस ले और जो नुक्कड़ पर बिना रेड्डी के भी अमरुद ,सामान आदि बेचते उनसे भी सामान ले ताकि वो भी कमाए क्यूंकि जब आप जैसे दिखावे के चक्कर में उनसे सामान नहीं लेते तो सोचिये उनके बच्चे ,परिवार सोचते आज उनके परिवार के सदस्य ने कुछ तो कमाया ही होगा लेकिन इस दिखावे वाली दुनिया ने उसका मेहताना ही बंद ,ठप कर दिया क्या वो कमाने के लिए चोरी करे ,गलत काम करे

मेरा तो मानना है की आप भी नहीं चाहेंगे की वे बिना रोजगार के लिए गलत काम करने के लिए मजबूर हो और या बिना रोजगार के रोज रोकर सोये
या आत्महत्या के लिए प्रेरित हो तो आज से उनकी मदद करे और स्वदेशी सामान के साथ जो बिना किसी की मदद से नुकड्ड और बिना रेड्डी के अपनी सर्विस देते जैसे सब्जी बेचना ,फल बेचना आदि या और भी कुछ जैसे की कपड़ा ,क्लिप आदि कुछ भी बेचते तो उनकी सर्विस ले पक्का ताकि आज वो भी खुश होकर घर जाएँ ,अपने घर वालो को उनके पसंद का सामान गिफ्ट करे और कुछ पसंद का आज वो खाये और सेविंग कर पाए बेहतर भविष्य और जरूरत के समय के लिए ताकि वो गलत काम करने और किसी के सामने भीख मांगने के लिए मजबूर ना हो


Post a Comment

0 Comments