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प्राइवेट इंस्टीट्यूट के मकड़जाल में फंसता आज का युवा


चंडीगढ़(नेहा गुप्ता): एनीमेशन,मल्टीमीडिया ,डिजिटल मार्केटिंग कोर्स आदि ये सब कुछ युवा सीख कर जंहा वह कुछ इनोवेटिव सीखने के लिए जब वह इन बड़े या छोटे किसी भी प्राइवेट इंस्टिट्यूट में दाखिला लेता तो शुरु में पर उस पर ध्यान दिया जाता है लेकिन बाद में वह झूठी मार्केटिंग के जरिये फलता – फूलता ये प्राइवेट इंस्टिट्यूट न ही उसको सही शिक्षा ,वादे अनुसार फैसिलिटी,सुविधा नहीं देता और फीस मुँह -माँगी लेकर नॉन -रिफंड के पर प्रताड़ित कर न सिखाया जाता न वह कही दूसरी जगह एडमिशन पाता|
हम सब खुद इसके भोगी रहे है जब हम यंहा प्राइवेट इंस्टिट्यूट में कुछ सिखने जाते है तो वंहा हमे सिर्फ हमे बेसिक अध्ययन के आलावा एडवांस के नाम पर कुछी नहीं सिखाया जाता | आज का युवा जो की कोचिंग सेण्टर की चकाचौंध पर प्रचार -प्रसार से विश्वास कर लेते है पर बाद में वह सब दिखावा का जब उन्हें पता चलता है तो हाथ मलने के अलावा उनके पास कुछ नहीं बचता क्यूंकि ये प्राइवेट इंस्टिट्यूट न ही फीस रिफंड करते बल्कि किसी न किसी तरीके से नई सुविधा ,फैसिलिटी के नाम पर खूब युवाओ लूटते रहते है|
जिस कारण वह इस मकड़जाल में फंसने के कारण खुद को कसूरवार समज माँ-बाप,खुद के सपने बिखरे पा कर इस महंगाई के दौर में खुद को अंधकार ,नशाखोरी ,बेरोजगरी के समय में हारा हुआ व्यक्ति आत्महत्या की जाता हुआ युवा जोकि मतदान से एक सफल प्रशासन चाहता लेकिन इस लूटखोरी ,मकड़जाल में फंसा युवा जब आत्महत्या जैसे कदम उठाता तो ”डिजिटल इंडिया ” क्या मात्र दिखावा है जो इन आज के छात्र के सुनहरे भविष्ये ,सपनों के लिए जो बहार जाकर इतना सब खर्चा करते फिर इन मकड़जाल में फंस जाने के कारण हारा हुआ पाकर कुछ सख्त से सख्त कारवाई ना ही प्रशासन से न ही कोर्ट से पाते और इन प्राइवेट इंस्टिट्यूट की सच्चाई लाने में छात्र कुछ नहीं कर पाता और इस सब प्रताड़ना को चुप होकर करता |
आज शिक्षा एक व्यवसाय सा बना दिया गया ,जिसमे मोटी रकम के साथ फीस ले ली जाती पर उनको दिए गए वादे के अनुसार वन्हा अंश मात्र वी नी मिलता  सोचिये प्रशासन क्या इनके लिए सोया हुआ है ?? फिर कैसी डिजिटल शिक्षा ,कैसी डिजिटल इंडिया का निर्माण
जब युवा का जीवन ही बर्बाद हो रहा है –
आज जो युवा फीस इसलिए मोती रकम देता ताकि उसका भविष्य सुरक्षित हो जाये लेकिन इन प्राइवेट इंस्टिट्यूट की सच्चाई सुने तो आजकल का युवा न तो यंहा से पढ़कर कुछ बढ़ पाता, न हीं इन पर केस कर भी अपना पैसा रिफंड ले पाता और बल्कि मानसिक वेदना ,दिक्क्तों का शिकार यह युवा गलत तरीको से पैसे कमाने की सोचता,महंगाई के दौर में भ्रष्टचार की वजह से खुद भ्रष्टचार बन जाता ,
सोचिये क्या यही हमारा उज्जवल भारत की उज्जवल शिक्षा है ,क्या यही आजकल का विकासशील भारतीय शिक्षा प्रणाली है
केंद्रीय राज्यमंत्री और स्थानीय सांसद रिटायर्ड जनरल वी. के. सिंह ने कहा कि अच्छी शिक्षा प्रणाली ही देश का निर्माण कर सकती है और प्रगति के मार्ग पर आगे बढ़ा सकती है। शिक्षण, शिक्षक, शोध एवं क्षमता निर्माण के मामलों में देश की शिक्षा प्रणाली में सुधार की तत्काल जरूरत बताते हुए राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने आज कहा कि भारत का कोई भी विश्वविद्यालय दुनिया के शीर्ष 200 उच्च शिक्षण संस्थानों में शामिल नहीं है ।
शिक्षा के स्तर को लेकर शिक्षक समुदाय ने मिलकर भारतीय विद्यार्थियों के गुणों पर विचार व्यक्त किए। अध्यापकों का मानना है कि महाराष्ट्र में 59% विद्यार्थियों में रोजगार के लिए आवश्यक कौशल मौजूद ही नहीं है। वहीं 57% भारतीय विद्यार्थी शिक्षित तो हैं, लेकिन रोजगार के लिए पूरी तरह तैयार नहीं हैं।यह रिपोर्ट पीयरसन वॉयस ऑफ टीचर सर्वे ने कुल 51 शहरों जुलाई-अगस्त 2015 में किए गए सर्वे के आधार पर तैयार की थी|
पर क्या आजतक इन में कोई सुधार हुआ, नहीं फिर क्या शिक्षा पर चर्चाये सिर्फ सुर्खिया बटोरने का मामला है या इसमें कभी कोई सुधार भी होगा  पर आजतक इसके लिए कुछ समाधान निकला गया की वे रोजगार के लिए क्यों पूरी तरह तैयार नहीं हैं
– प्राइवेट इंस्टिट्यूट की सच्चाई जाने तो वंहा पुराने आदम-जमाने का सिखाया जाता लेकिन फीस आज के टाइम के हिसाब से भारी रकम ली जाती|
-शिक्षा का स्तर जोकि यू-ट्यूब ,ऑनलाइन एजुकेशन होने से कुछ संवरना चाहिए था लेकिन प्राइवेट इंस्टिट्यूट की सच्चाई जाने तो वंहा तो न पूरी सुविधा ,अध्ययन का पूरा ज्ञान कुछ भी उनको नहीं मिलता |
-लोगों के बीच पूरी जानकारी का अभाव जिससे इन चकाचौंध की मार्केटिंग में फंस कर रह जाना |
-युवाओ को अपने अधिकारो, जरूरतों का पूरा ज्ञान का अभाव |
-टीचर्स को सिखाने पर नहीं,बचो को बुद्धू बनाकर लूटने के लिए प्रेरित किया जाता है ,टीचर्स भी शोषण से भयभीत होकर गिरते शिक्षा के लेवल की कोचिंग देते |
-टीचर्स को सैलरी टाइम पर नहीं मिलती,बल्कि उनका भी शोषण कर ओवरटाइम करवाकर काम लिया जाता है और उनसे मल्टिटास्किंग काम ले भी सैलरी उस हिसाब से नहीं दी जाती सोचिये उनके घर -परिवार की हालत
-स्टूडेंट्स जोकि खाने तक के पैसे नहीं होते ,फिर उनका यंहा भी शोषण -क्या यही है अपने देश का इन्साफ , डिजिटल शिक्षा प्रणाली |
-जंहा उज्वल भारत का सपना लिए मंत्री, प्रशसान रोज आवाज उठाते ,सोचिये क्या सिर्फ वह वोट के लिए किया जाता ,या मेरा भारत में कभी शिक्षा का लेवल कभी विकसित होगा |


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