इंडिया 2020 |
आज कल या पुराने दिनों जब की बात ली जाए लड़कियों को अपनी शुद्धता का प्रमाण देना पड़ता |
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लेकिन क्या द्रोपती आचरण विहीन थी नहीं ना, फिर क्यों लड़की के पति ज्यादा हो तो लड़की आचरण विहीन और लड़के हो तो भगवान का आसरा ले कि उनकी भी इतनी पत्नी है हम भी ऱख सकते है इतनी पत्नी फिर लड़की के हो क्यों उस पर ऊँगली उठाते क्या यही महानता हैँ?
भारत मे और भारत के आदमियों मे?
कथनी कुछ ओर करनी कुछ ओर क्या यही बोल -बच्चन हैँ भारत?
मुद्दा पुराना हैँ पर घाव हरा...
वाह रे भारत क्या इतिहास रच डाला जिससे दूसरा देश भी सुन ओर समझ हमारी बेइज्जती करने को मजबूर होगा जो भारतीय लोग इस धर्म का आसरा ले एक -दूसरे को ओर ख़ासकर महिलाओ को अपना निशाना बनाते तो क्या बाहर के लोगो का बीच बचाव मे आना क्या गलत होगा?
नहीं होगा जब घर मे लड़ाई होती तो बाहर से आया आदमी अर्थात जज ही न्याय करता नाकि दोषी पक्ष के लोग या दोनों पार्टी क्यूंकि दोनों खुद को सही बताएंगे इसलिए जज बन या कहो बीच बचाव वाला सुरक्षाकर्मी कुछ भी कहो पर बाहर के लोगो की भी भूमिका महत्वपूर्ण होगी क्यूंकि तभी न्याय बिना पक्षपात के मिलेगा |
क्या उस इंसान जोकि उसका बाप, माँ, भाई -बहन, पति, सास-ससुर की भूमिका नहीं कि वे समय पर उसकी रक्षा करे क्या सिर्फ हक जमाना यही कर्तव्य हैँ उनका फिर कैसा ये देश जो हमारा त्रिस्कार करता ओर कभी एक लड़की को नहीं समझता ओर परीक्षा ले मजाक उडाता किस तरह का शोषण हैँ ये जिसमे इन निर्दय को अपना अपराध का कभी समय पर सबको दंड नहीं मिलता |
क्या फिर हर लड़की सीता की तरह धरती मे समा जे क्यूंकि अब इनकी मनुष्य की हमसे प्यास बुझ गी अब ओर नई वस्तु चाहिए ताकि हम निकले ओर हमारी जगह किसी ओर को दी जाय |
जब सही मे ये सही समाज, इंसान होता उसको बंदी नहीं बनाता खुद ओर उसको आजाद होकर जीता ओर जीने देता |
लेकिन कुरुरता इतनी की बस एक लड़की दासी हैँ हमारी कभी बाप के नीचे फिर भाई, पति तो जब कभी मर्द, आदमी को उसके अधीन होना पड़ता फिर समाज की गलत विचारधारा जोकि उझड़े समाज, दुखी इंसान को पसंद करता ताकि उसे बकवास करने का मौका मिले फिर क्यों हम सब विवेकहीन होकर जीते?
ऐसे कई मुद्दा है भारत में पता नहीं कभी सुलझेंगे सब हमेशा के लिए ये सब |
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