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Change is necessary when Prtha bound you in a cave.[WORLD IS PART OF BEAUTIFUL CHANGE WHO ENCOURAGE FOR PROSPERITY]

Change is necessary when Prtha bound you in a cave.

[WORLD IS PART OF BEAUTIFUL CHANGE WHO ENCOURAGE FOR PROSPERITY]

CHANGE IS PART OF WORLD WHO ENCOURAGE FOR PROSPERITY & HAPPINESS
CHANGE IS PART OF WORLD WHO ENCOURAGE FOR PROSPERITY & HAPPINESS

आजकल जंहा बेटियों के विकास पर स्लोगन बन रहे है दूसरी तरफ हमारे भारत में रेप ,छेड़छाड़ जब होती तो लड़कियों को ही सताया जाता जैसे उन्होंने ही पाप किया हो और दोषी आजाद,बेबाक घूमता है जैसे बड़े काम किये हो अच्छे क्या यही सच्चाई है अपने भारत की ?

देवी बनाकर लड़कियों को मूर्ति बना दिया जाता ,कैद में रखा जाता ,डराया जाता ,सताया,धमकाया जाता ,समाज में घिरी नजर से देखा जाता उसका पाप इतना वो जन्म से लड़की है,अभी उसका नाम नहीं कोई पद नहीं जब नाम,पद होगा तभी सम्मान मिलेगा अन्यथा लड़की है सब चुप होकर सहेगी जब ही जीवन जी सकती है | 
जंहा कानून लड़कियों कब लिए इतने बनाये गए लेकिन जब स्कूल,कॉलेज में टीचर ही छेड़छाड़ करे ,भेदभाव करे तो क्यों नहीं हर क़ानूनी जानकारी दी जाती उसे क्यों वो पढ़कर भी अनपढ़ है | 

क्यों उसको समय रहते सब ज्ञान दिया जाता क्यों देरी की जाती है की बाद में पछतावे के लिए ही जीवन शेष रहे | 
जब स्कूल में छेड़छाड़,मोलेस्टेशन ,रैगिंग,दुर्व्यवहार होता क्यों इतना सब जानते हुए भी स्कूल की शिक्षा अधूरी है की वो क़ानूनी ज्ञान नहीं देती जिससे हर बालिका सहने को मजबूर है घर में जरूरी नहीं उसे साथ मिले परिवार का जब उसके साथ कुछ गलत हो ,कई बार लड़किया खुल कर नहीं बता पाती क़ानूनी आभाव के चलते और जानकारी का आभाव उसे अंदर ही अंदर खाता है डेप्रेशन की तरह और बेबस वो भी भी मुस्कराती है ताकि एक दिन आएगा वो भी हक से सम्मान की जिंदगी जियेगी लेकिन जो उसने इतना गलत सहा बाद में उस समय बीतने के कारण इंसाफ भी नहीं ले पाती तो क्यों नहीं जरूरी की उसे उसके न्याय,अधिकार ,क़ानूनी समझ ,दुनियादारी की समझ बचपन से दे ताकि जालिमो के हाथ में फंसने से अच्छा वो गौरव की जिंदगी जियें | 

जरूरी बदलाव समय पर हो जाए तो अच्छा अब भगवान खुद तो किसी की सहायता आकर नहीं करेगा वो रास्ता दिखा सकता है | जैसे हर देश में राम के नाम अलग है पर आस्था एक है की अलौकिक सकती है जो हमारी हमेशा केयर करती है | 
इसलिए रास्ता मिल गया है अम्ल करना अपना काम है जोकि लोग आलसी होकर नहीं करते खुद लक्ष्मण ने सुन्दरकांठ में कहा ज समुन्द्र पर करने की बात राम से चल रही थी की हे राम अलसी लोग बगवान को पुकारते है सहायता करो और खुद कुछ नहीं करते उनकी बगवान भी सहायता नहीं करता | इतनी धार्मिक कथा भी कर्मो को प्राथमिकता देती है और समय,युग बदल चूका है और सब कुछ न्य हो गया है फिर लड़कियों के बारे में हमारी अच्छी रे और समय ,ज्ञान उनको उनके ज्ञान देने की समझ क्यों नहीं है आज तक ?

पढ़ा -लिखा मतलब डिग्री हासिल करना ,नौकरी पेशा करना नहीं -समझ है यह एक की क्या गलत -सही है और क्यों गलत है तर्को के आधार पर जोकि universal सच हो नाकि प्रथा अनुसार क्यूंकि प्रथा इंसान को कुंए का मेंढ़क बनाती है नाकि दुनिया में प्रगति और विकास,खुशहाल इंसान को जन्म नहीं देती उसका काम सिर्फ बंदना जैसे माँ की दुपटे से बंदा बच्चा  कुछ नहीं कर सकता उसी तरह प्रथा से बंदा इंसान भी कभी  आगे नहीं बढ़ सकता। .. 

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