MIND -CONFUSION |
एक रेप पीड़िता एक मोलेस्टेशन की शिकार लड़की एक वो रोज छेड़छाड़ का शिकार होती है क्या है उनकी गलती की उन्हें ताने मिले मिलते आते है सदियों से क्या उसकी गलती यही की इंडिया देश के मर्द साधु के वेश मे अपनी इज्जत बनाते फिर किसी सीता किसी लड़की को परेशान करके अपनी मर्दानगी का हुनर जताते |
अक्सर सुना ही होगा फॉरेनर लड़कियां अच्छी नहीं होती वंहा के लोगो मे अपने जैसा कल्चर नहीं पर अपना इण्डिया का यही कल्चर है की जिसकी कोई गलती नहीं वो तो भोगे नर्क ओर जो करे कुकर्म उससे पंगा कौन ले जमाना बेकार है फिर आपकी हिम्मत इतनी है की बेकसूर की जिंदगी पर हक जमाकर उसको परेशान इतना करे या तो वो घुट कर जिए या मर जाए |
अक्सर सुना ही होगा फॉरेनर लड़कियां अच्छी नहीं होती वंहा के लोगो मे अपने जैसा कल्चर नहीं पर अपना इण्डिया का यही कल्चर है की जिसकी कोई गलती नहीं वो तो भोगे नर्क ओर जो करे कुकर्म उससे पंगा कौन ले जमाना बेकार है फिर आपकी हिम्मत इतनी है की बेकसूर की जिंदगी पर हक जमाकर उसको परेशान इतना करे या तो वो घुट कर जिए या मर जाए |
क्या कसूर उसका क्या यही कर्म हमारा अभिमान है?
यही कल्चर है हमारा?
जंहा दूसरे देश मे भक्ति कम है लेकिन मानवता के नाम पर ऐसी कई बाते है जो हमे सीखनी चाहिए लेकिन अभिमान इतना हम किसी से सीखना पसंद नहीं करते |
जंहा दूसरे देश मे एक दूध पिलाती माँ पूरे पार्लियामेंट के सामने आये उस पर कोई बवाल नहीं होता
लेकिन जब यंही ये बात होती तो क्या बवाल होता |
जंहा दूसरे देश मे एक दूध पिलाती माँ पूरे पार्लियामेंट के सामने आये उस पर कोई बवाल नहीं होता
लेकिन जब यंही ये बात होती तो क्या बवाल होता |
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यंहा नियम जो नाममात्र बना है सिर्फ कानून मे रह गया की आप अपना हमसफ़र चुन सकते है लेकिन यदि कोई ऐसा करे तो घर से लेकर हर जगह बवाल वंही दूसरे देश मे हाई स्कूल से ही इजाजत होती है की आप अपना हम सफर चुन उसको पहचान सकते है की वह आपके लिए जीवन साथी के रूप मे कितना सही है कितना नहीं लेकिन यंहा जान पहचान के लिए कोई भी कुछ करे तो वो भी गलत |
क्या ये सब अजीब नहीं लगता लेकिन भारत की यही वास्तविकता है |
यदि आज से बदलाव होगा तभी जीवन जी पाओगे नहीं तो पशु की बुद्धि ओर हमारी बुद्धि मे, जीवन मे क्या फ़र्क?
यदि आज से बदलाव होगा तभी जीवन जी पाओगे नहीं तो पशु की बुद्धि ओर हमारी बुद्धि मे, जीवन मे क्या फ़र्क?
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